रविवार, 30 मई 2010

दोस्ती

एक और काव्यचित्र : दोस्ती...

मई की आख़री शामोँ मेँ से एक...

Posted via email from Allahabadi's Posterous यानी इलाहाबादी का पोस्टरस

1 टिप्पणी:

  1. हिमांशु जी आप इलाहाबाद में कब रहते हैं ?

    जब भी आपके आफिस फोन करो आपसे बात नही हो पाती

    मोबाइल ट्राई करो तो लगता ही नहीं

    कोई बढ़िया गजल सुनाईये/पढ़ाईये

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फूलों से भरा दामन : शेर-ओ-शायरी

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फूल खुशी देते हैं ना!

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