सोमवार, 24 मई 2010

एक और काव्यचित्र

यह एक काव्यचित्र भी है और मेरी एक ख़्वाहिश भी, एक ख़्वाब भी जो मैँ जानता हूँ कभी पूरा नहीँ होगा...

अधूरा रहेगा, मेरी ही तरह...

Posted via email from Allahabadi's Posterous यानी इलाहाबादी का पोस्टरस

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