सोमवार, 15 मार्च 2010

पत्थर गिरजा

स्वाधीनता के पूर्व के आधुनिक इलाहाबाद का विकास ब्रिटिश सत्ता द्वारा प्रमुखत: होने से साथ ही साथ इलाहाबाद में कई चर्च भी विकसित हुए। इनमें से प्रमुख हैं ऑल सेंट्स कथीड्रल (पत्थर गिरजा), मेथॉडिस्ट चर्च (लाल गिरजा), सेण्ट पॉल्स चर्च, सेण्ट पैट्रिक चर्च, म्यौराबाद चर्च इत्यादि। एक मुहल्ले का नाम ही चर्चलेन है यहाँ।
बच्चों की अपने स्वर्णिमकाल में चर्चित पत्रिका 'टीन-एजर' यहीं से प्रकाशित होती है। मैंने सोचा कि इन चर्चों से क्यों न परिचित कराऊँ आप सबको, तो कड़ी में सर्वप्रथम प्रस्तुत हैं ये चित्र ऑल सेण्ट्स कथीड्रल  उर्फ़ पत्थर गिरजा के। यह चर्च एक बड़े से गोल चौराहे की शक्ल में बने हुए पार्क के मध्य स्थित है और यह इलाहाबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन के सिविल लाइन की ओर, अत्यन्त समीप स्थित है। वस्तुत: इस चर्च के चारों ओर की भूमि भी चर्च की ही थी जिनमें से एक ओर है आई0पी0ई0एम0, यानी वह संस्था जो भारत में टॉफ़ेल की परीक्षा का नियन्त्रक संस्थान है।
इसके निकट ही हैं उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय, प्रादेशिक शिक्षा निदेशालय, पुलिस मुख्यालय, उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षा परिषद्, महालेखाकार कार्यालय आदि वह सभी कार्यालयीन संकाय जो इलाहाबाद को प्रादेशिक नौकरशाही के गढ़ के रूप में प्रतिष्ठित करते रहे हैं और जिस कारण से इसे दूसरी राजधानी का दर्जा मिला हुआ था।
चर्चा जारी रहेगी…

Posted via email from Allahabadi's Posterous यानी इलाहाबादी का पोस्टरस

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

फूलों से भरा दामन : शेर-ओ-शायरी

फूलों से भरा दामन : शेर-ओ-शायरी
फूल खुशी देते हैं ना!

ब्लॉग आर्काइव

फ़ॉलोअर

योगदान देने वाला व्यक्ति